दुनिया के अजूबे ऐसे अद्भुत प्राकृतिक और मानव निर्मित कृतियों का संकलन है, जो मनुष्य को आश्चर्यचकित करती हैं।
प्राचीन दुनिया के सात अजूबे :
(world 7 wonders)
उनके शवों के साथ खाद्य अन्न, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक-सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था।
गिज़ा का सबसे बड़ा पिरामिड 146 मीटर उँचा था। ऊपर का 10 मीटर अब गिर चुका है। उसका आधार क़रीब 54 या 55 हज़ार मीटर का है। अनुमान है कि 3200 ईसा पूर्व उसे बनाया गया था।
दुनिया के नए सात अजूबे :
प्राचीन दुनिया के सात अजूबे :
(world 7 wonders)
- गीज़ा के पिरामिड
- बेबीलोन के झूलते बाग़
- ओलम्पिया में जियस की मू्र्ति
- माउसोलस का मकबरा
- अर्टेमिस का मन्दिर
- रोडेस कि विशालमूर्ति
- ऐलेक्जेन्ड्रिया का रोशनीघर
- गीज़ा के पिरामिड (Great Pyramid of Giza) :
उनके शवों के साथ खाद्य अन्न, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक-सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था।
गिज़ा का सबसे बड़ा पिरामिड 146 मीटर उँचा था। ऊपर का 10 मीटर अब गिर चुका है। उसका आधार क़रीब 54 या 55 हज़ार मीटर का है। अनुमान है कि 3200 ईसा पूर्व उसे बनाया गया था।
2. बेबीलोन के झूलते बाग(Hanging Gardens of Babylon):
बेबीलोन के झूलते बाग़ 'सेमीरामीस के झूलते बाग़' नाम से भी जाने जाते हैं। प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से यह एक है। यह आज के इराकी नगर 'अल-हिल्लह' के निकट स्थित था। इस उद्यान का निर्माण 'नबूचड्नेजार द्वितीय' ने ईसा से छ: सौ वर्ष पूर्व करवाया था। किवदंती के अनुसार यह माना जाता है कि इस उद्यान का निर्माण राजा नबूचड्नेजार ने अपनी पत्नी को प्रसन्न करने के लिये किया था। ईसा से दो शताब्दी पूर्व एक भूकंप मे यह उद्यान पूर्ण रूप से नष्ट हो गया था।
3. ओलम्पिया में जियस की मू्र्ति ( Statue of Zeus at Olympia.):
जियस की मूर्ति का निर्माण यूनानी मूर्तीकार फ़िडी्यास ने ईसा से 432 साल पहले किया था। इस मूर्ती को यूनान के ओलम्पिया मे स्थित जियस के मंदिर मे स्थापित किया गया था। इस मूर्ती मे जियस को बैठे हुई अवस्था मे दिखाया गया है। मूर्ती की उंचाई 12 मीटर थी।
4. माउसोलस का मकबरा(तुर्की)(Mausoleum at Halicarnassus):
हैलिकारनेसस में बनी यह इमारत 150 फीट ऊंची है और एक मकबरे की आकृति में है. 623 ईसा पूर्व इस इमारत की रचना की गई थी. मौसोलस (Mausolus) नामक शासक के द्वारा बनवाई गई इस इमारत को उसके याद के रुप में जाना जाता है.
5. अर्टेमिस का मन्दिर(Temple of Artemis at Ephesus):
अर्टेमिस का मन्दिर जिसे डाईना के मन्दिर भी कहॉ जाता है एक यूनानी मन्दिर और प्राचीन विश्व का सात आश्चर्यो मे से एक है। यह आज के तूर्की मे स्थित था।
अर्टेमिस का मन्दिर अर्टेमिस का मन्दिर जिसे डाईना के मन्दिर भी कहॉ जाता है एक यूनानी मन्दिर और प्राचीन विश्व का सात आश्चर्यो मे से एक है। यह आज के तूर्की मे स्थित था।
6. रोडेस कि विशालमूर्ति( Colossus of Rhodes) :
रोडेस कि विशालमूर्ति यूनानी द्विप रोडेस पर यूनानी देवता हेलियोस की एक विशाल मूर्ती है. ग्रीस (यूनान) की एक और वास्तु कला को विश्व के सात अजूबो में गिना जाता था। रोड्स के कोलोसस की मूर्ति करीब 300 ईसा पूर्व निर्मित हुई थी। यह राजा रोड्स की साइप्रस के राजा पर मिली जीत की खुशी में बनाई गई थी। नष्ट होने से पहले इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 30 मीटर थी जो इसे विश्व की सबसे बड़ी इमारत बनाती थी। 226 ईसा पूर्व में एक भूकंप की वजह से यह इमारत भी इतिहास में दफन हो गई।
7. ऐलेक्जेन्ड्रिया का रोशनीघर(Lighthouse of Alexandria):
मिस्त्र में दुनियां का एक और अजूबा पाया जाता था और वह था सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ। समुद्री नाविकों को राह दिखाने के लिए इस प्रकाश स्तंभ का निर्माण एक छोटे से आइलैंड फराओ पर किया गया था। इसका निर्माण 280 ईस्वी पूर्व से 247 ईस्वी पूर्व के मध्य में हुआ था। यह प्राचीन विशव के अजूबों में तीसरी सबसे बड़ी संरचना थी जिसकी ऊँँचाई 393 से 450 फ़ीट के बीच मानी जाती है। 956 से 1323 के मध्य आए तीन बड़े भूकम्पों से यह इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस लाइट हाउस के पत्थरों का 15 वि शताब्दी में इसी जगह बने सिटाडेल ऑफ़ कैतबय (Citadel of Qaitbay) में इस्तेमाल कर लिया गया था। 1994 में फ़्रांस के विशेषज्ञों ने इस लाइट हाउस के अवशेषों की खोज की थी।
दुनिया के नए सात अजूबे :
- ताजमहल
- चीचेन इट्ज़ा
- क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा
- कोलोसियम
- चीन की विशाल दीवार
- माचू पिच्चू
- पेत्रा
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