Thursday, 25 February 2016

ISI इस्लामिक स्टेट ऑफ़ ईराक़ क्या है ?


इस्लामिक स्टेट ऑफ़ ईराक़ एक सुन्नी आतंकवादी संगठन है।  इसका उद्देश्य इराक के सुन्नी बहुमत क्षेत्रों में एक इस्लामी राज्य की स्थापना करना था। इसकी स्थापना 15 अक्टूबर 2006 को इराक के कुछ विद्रोही संगठनों के विलयन से हुई थी।



आईएस अपनी खिलाफत स्थापित करने का उद्देश्य रखता है, एक ऐसी जगह बनाना चाहता है जहां इस्लाम की उसकी बनाई परिभाषा चलेगी और शरिया कानून लागू होगा. सीरिया और इराक में अस्थिरता के कारण आईएस इन दोनों देशों के कुछ इलाकों पर कब्जा करने में कामयाब हो पाया है.

आईएस की बर्बरता इसकी सबसे बड़ी पहचान बन गयी है. मासूम लोगों और अपने दुश्मनों को डराने की खातिर इस्लामिक स्टेट ने कई लोगों के सर कलम किए हैं. जिन इलाकों में आईएस का कब्जा है वहां इसी की हुकूमत चलती है.

हाल ही में नाइजीरिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन बोको हराम ने आईएस के लिए अपना समर्थन जाहिर किया. वहीं अल कायदा खुद को इससे अलग मानता है.
अल कायदा की शाखा जभात अल नुसरा आईएस के खिलाफ है. इन संगठनों के बीच प्रतिस्पर्धा है कि कौन किससे ज्यादा खूंखार है. बोको हराम के नाम 13,000 जानें हैं, तो आईएस 24,000 लोगों को मारने या घायल करने के लिए जिम्मेदार है.

अलग अलग देशों से 20,000 से ज्यादा लोग आईएस के साथ जुड़ चुके हैं. आईसीएसआर की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 4,000 से ज्यादा पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका से हैं. स्वीडन और बेल्जियम जैसे छोटे देशों से भी लोग इस्लामिक स्टेट का साथ देने पहुंच रहे हैं.

अगस्त 2014 से अमेरिका सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है. सीरिया में अब तक 1,422 और इराक में 2,242 हमले किए जा चुके हैं. वहीं जर्मनी सीरिया से लौटे 30 कथित आतंकवादियों पर मुकदमा चलाने जा रहा है.

सीरिया और इराक के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने वाले इस आतंकी गुट ने 29 जून 2014 को खिलाफत का एलान किया. तब से अब तक संगठन ने अपनी संख्या बढ़ाने में बड़ी कामयाबी पाई है. रिपोर्टों के मुताबिक 2011 से अब तक आईएस में 90 देशों से 20,000 से ज्यादा लोग भर्ती हुए हैं

सीरिया में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जगहों को आईएस ने भारी नुकसान पहुंचाया है. ऐतिहासिक इमारतों और संग्रहालयों में लूटपाट की घटनाएं सामने आई हैं. आईएस ने इनसे मिली रकम का इस्तेमाल खुद को मजबूत करने में किया है.

यह आतंकवादी संगठन आधुनिक दौर में तकनीक की अहमियत समझता है. अपने प्रचार के लिए ये आतंकी गुट सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करता है. अपने वीडियो बनाने में ये संगीत, एक्शन सीन इत्यादि का इस्तेमाल कर रिलीज करते हैं, जिससे और लोगों को अपने साथ जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकें.

आईएस के पास इतना पैसा है कि वह अपनी आतंकवादी गतिविधियों को आराम से अंजाम दे रहा है. उसने डोनेशन पाने का अपने लिए एक मजबूत तंत्र भी विकसित कर लिया है. आतंकी संगठन धन जुटाने के लिए बंधक बनाता है और ब्लैकमेल भी करता है. कई छोटी बड़ी कंपनियां भी इसका निशाना बनी हैं.

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