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Monday, 11 April 2016

How to avoid Gastric problem | पेट के गैस से बचने के अच्छे सुझाव

कैसे बचें पेट की गैस की समस्या से :



 पेट की गैस की समस्या आज कल हर उम्र के लोगों में बहुत ही आम है। गैस केवल पेट में ही नहीं रहती है बल्कि यह पूरे शरीर में घूमती रहती है यहां तक की सीने तक भी पहुंच जाती है।

Gastric symptoms  गैस के लक्षण : 
पेट फूलना: पेट का फूलना गैस की वजह से हो सकता है या बड़ी आंत का कैंसर या हार्निया भी इसका कारण बन सकता है। ज्यादा वसायुक्त भोजन करने से पेट देर से खाली होता है। इससे भी पेट फूल जाता है और बेचैनी होती है।
पेट या छाती में दर्द: जब आंत में गैस मौजूद होती है, तब कुछ लोगों को पेट दर्द होता है। जब बड़ी आंत की बायीं ओर दर्द होता है, तो इससे हृदय रोग का भ्रम होता है, लेकिन जब दर्द दायीं ओर होता है, तो यह एपेन्डिक्स हो सकता है।
डकार का आना : जब कोई व्यक्ति खाने के दौरान या बाद में डकार लेता है तो इसका अर्थ है कि उसने खाने के साथ ज्यादा मात्रा में हवा निगल ली है।

गैस के पेट में बनने के कारण : 
1.  अनपचे भोजन के टूटने से कई खाने वाले पदार्थों में शुगर, स्टार्च और रेशे पाए जाते हैं। शरीर कुछ कार्बोहाइड्रेट को न तो पचा पाता है और न ही अवशोषित कर पाता है। छोटी आंत में कुछ निश्चित एंजाइमों की कमी या अनुपस्थिति से इनका पाचन क्रिया संभव नहीं हो पाती। यह अनपचा भोजन छोटी आंत में से बड़ी आंत में जाता है, जहां बैक्टीरिया इस भोजन को तोड़ते हैं, इससे हाइड्रोजन, कार्बन डाईऑक्साइड और एक तिहाई लोगों में मिथेन निकलती है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में एंजाइम का स्तर कम हो जाता है, इसलिए गैस की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है।

2. लाइफस्टाइल व दिनचर्या
आपकी गैस बताती है कि आप देर से सोना और सुबह देर से जागना, टेंशन रखना, खाने-पीने का टाइम फिक्स्ड न होना।

3. निगली गई हवा से
निगली गई हवा पेट में गैस बनने का सबसे प्रमुख कारण है। हर व्यक्ति द्वारा थोड़ी मात्रा में खाते समय और पीते समय हवा भी खाने-पीने की वस्तु के साथ निगल लेता है। जल्दी-जल्दी खाने या पीने, च्यूंगम चबाने, धूम्रपान करने से भी कुछ लोग ज्यादा हवा अंदर ले लेते हैं, जिनमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड होती हैं। कुछ हवा डकार के द्वारा बाहर निकल जाती है, पर कुछ आंत में चली जाती है, बची हुई थोड़ी सी गैस यहां से बड़ी आंत में चली जाती है, जो गुदा मार्ग द्वारा बाहर निकलती है।

4. खानपान
अगर आपको गैस बन रही है तो आपका खानपान ठीक नहीं है। शराब पीने से, मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से, बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से, खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से, बासी खाना भी गैस का कारण बन सकता है।

5. बाकी वजहें
गैस आपके शरीर बारे में भी बताती है कि आपके लीवर में सूजन, गॉल ब्लेडर में स्टोन, फैटी लीवर, अल्सर या मोटापे से, डायबीटीज, अस्थमा या बच्चों के पेट में कीड़ों की वजह से, अक्सर पेनकिलर खाने से, कब्ज, अतिसार, खाना न पचने व उलटी की वजह से होती है ।


गैस की समस्या के घरेलु उपाय :
1. सौंफ
यह पाचन में मदद करती है. सौंफ खाने से पेट में दर्द, पेट के फूलने और गैस बनने से राहत मिलती है. अक्सर इसे चीनी के साथ मिला कर लिया जाता है. आप इसे गर्म पानी में उबाल कर भी ले सकते हैं.



2. नींबू का रस
एक नींबू निचोड़ें तथा इससे रस निकाल लें। इसमें आधा चम्मच बेकिंग सोडा तथा एक कप पानी मिश्रित करें। इसे तब तक हिलाएं जब तक बेकिंग सोडा पानी में अच्छे से ना घुल जाए।
इसे पी लें तथा गैस की समस्या से मुक्त हो जाएं। अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो बेकिंग सोडा का मिश्रण पानी में करें तथा सुबह इसका सेवन खाली पेट में करें।

3. पुदीना
माना जाता है कि खाने के साथ अगर नियमित रूप से धनिया पुदीना की चटनी ली जाए, तो पेट से जुड़ी बीमारियां दूर रहती हैं. पेट में दर्द होने पर जरूरी नहीं कि बाजार में मिलने वाली पुदीने की गोली ही ली जाए, ताजा पत्तियां पानी में उबाल कर भी पिया जा सकता है.

4. लहसुन
लहसुन भी गैस की समस्याओं को ठीक करने का एक बेहतरीन इलाज है। लहसुन को पीस लें तथा इसके साथ काली मिर्च के बीज, धनिया और जीरा मिश्रित करके उबाल लें।
इसे कुछ मिनट तक उबाल लें और फिर इससे रस निकाल लें। अब इस मिश्रण को कमरे के तापमान तक आने दें और इसके बाद इसे पी लें। इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार करने से आपको काफी बेहतर परिणाम मिलेगा।


5. अदरक
यह भी पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है. भारतीय व्यंजनों में अदरक और लहसुन का मिश्रण भी इसीलिए इस्तेमाल किया जाता है कि पेट ठीक रहे. लेकिन गर्मियों में इन दोनों का ही कम इस्तेमाल करना चाहिए.

6. इलायची
पेट में दर्द हो तो मुंह में एक छोटी इलायची रख लें. इलायची सिर्फ स्वाद और खुशबू का ही काम नहीं करती, बल्कि बहुत असरदार दवा भी है.

7. दालचीनी
यह रसोई का एक बेहतरीन मसाला है. यह पेट को भी ठीक रखता है. इसके अलावा अजवायन को गर्म पानी के साथ लेने से भी फायदा मिलता है. गर्म पानी हर हाल में फायदेमंद होता है.

8. नारियल पानी
एसिडिटी के उपाय, नारियल पानी मे बहुत से विटामिन होते है जो की लाभकारी है। रोजाना नारियल पानी पीने की कोशिश करे।

9. हर्बल चाय
गैस का दर्द, पुदीने, रास्पबेरी, कैमोमाइल  और जामुन से बनी हर्बल चाय आपके हाजमे को दुरुस्त करने में काफी कारगर साबित होती है।
आप अब ऊपर बताये गए किसी भी स्वाद में से एक की हर्बल चाय बनाकर एक बार सुबह और एक बार शाम के समय सेवन करें। परन्तु हर्बल चाय का सेवन करते समय इसे ज़्यादा देर तक आंच पर ना चढ़ाएं, क्योंकि इससे इसके गुण नष्ट हो जाते हैं।

Wednesday, 24 February 2016

बालों के झड़ने के मुख्य कारण और उपाय Hair loss reasons and remedies

बालों के झड़ने के मुख्य कारण और उपाय  (Hair loss reasons and remedies):

बालों का झड़ना आजकल युवाओ में बहुत ही आम है. और ये तेजी से बढ़ रही है। कम उम्र में बालों का झड़ना काफी चिंता का विषय है।


 बालों के झड़ने के मुख्य कारण :
भोजन : शरीर के विभिन्न अंगो कि तरह बालो को भी काले और घने रहने के लिए सभी विटामिन्स, मिनरल्स, और प्रोटीन आदि कि जरुरत होती है। समतोल और पौष्टिक आहार न लेने पर Hair loss होना तय है।

 अनुवांशिक / Genetic : बालो का असमय झड़ने का मुख्य कारण है अनुवांशिकता। अकसर देखा गया है कि बालो का असमय झड़ना एक परिवार में चल रही रीती रिवाज के समान है। किसी परिवार में दादा - बाप - बेटा सभी में समान hair loss होता है, जिसे male patterned baldness भी कहते है। किसी विशेष जीन (GENE) कि वजह से एक परिवार में सभी लोगो में यह समस्या समान होती है।

 दिनचर्या : बालो कि ठीक से देखभाल न करना, लम्बे समय तक धुप और धूल-मिटटी वाली जगह पर रहना, अत्याधिक तनाव, अधूरी नींद और दौड़भाग वाली जिंदगी जैसे कारणो से Hair loss होता है। बार-बार कंगी करना, अलग-अलग रंग या chemical लगाना, कई तरह के तैल और shampoo का उपयोग करते रहना इत्यादि कारणो से भी hair loss अधिक होता है।

 हार्मोनल इम्बैलेंस : शरीर में अचानक होनेवाले शारीरिक रसायन या हॉर्मोन्स के असामान्य बदलाव के कारण hair loss का प्रमाण बढ़ सकता है। महिलाओ में थाइरोइड हॉर्मोन कि कमी जिसे हाइपोथायरायडिज्म कहते है कि वजह से Hair loss होता है। महिलाओ में थकावट, बिना कारण वजन बढ़ना, उदासी, कमजोरी और त्वचा शुष्क होना जैसे लक्षण दिखाई देने पर हाइपोथायरायडिज्म के निदान हेतु डॉक्टर कि सलाह अनुसार खून की जाँच ( Thyroid Profile ) करा लेना चाहिए। खून कि कमी (Anemia), डैंड्रफ, कीमोथेरेपी और ऑटो इम्यून डिसऑर्डर इन कारणो से Hair loss अधिक होता है।

 टेलोगेन एफ्फ्लूवियम : टेलोगेन एफ्फ्लूवियम एक प्रकार की समस्या है जिसमे काफी जल्दी और ज्यादा प्रमाण में hair loss होता है। यह समस्या गर्भावस्था के बाद, किसी बड़े operation के बाद, ज्यादा तनाव, अधिक वजन कम करने या अधिक श्रम करने जैसे कारणो के बाद हो सकती है। यह किसी दर्दनाशक या तनाव कम करनेवाली जैसी दवा का side-effect भी हो सकता है।

रोकने के उपाय :

बालो का असमय झड़ना रोकने के लिए  पहले आप पता करे किन ऊपर दिए गए कारणो में से किस कारण आपके बाल अधिक झड़ रहे है। जब तक मूल कारण का उपचार न किया जाए Hair loss रोकना कठिन कार्य है। Hair loss होने के मूल कारण का उपचार करने के साथ निचे दिए गए अन्य उपाय का उपयोग कर आप Hair loss का रोकथाम कर सकते है।


आपको अपने आहार में सब्जिया, सलाद, अंकुरित अन्न, मौसमी फल, और High Protein Diet लेना चाहिए। आपको अननस, आवला, गाजर, Oats, पालक, टमाटर, चना, प्याज, अदरक, राजमा और सोयाबीन का अधिक सेवन करना चाहिए। प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन अधिक करें इससे हेयर फॉलिकल्स मजबूत होते हैं। बालो के बढ़ने और मजबूत होने के लिए प्रोटीन, विटामिन A, विटामिन  B काम्प्लेक्स, विटामिन C, विटामिन E, और आयरन कि विशेष आवश्यकता होती है, इसलिए आहार में ऐसे अन्न का समावेश होना जरुरी है जिनमे इन सभी आहार पदार्थो कि प्रचुर मात्रा हो।


अगर आपको थकावट, बिना कारण वजन बढ़ना, उदासी, कमजोरी और त्वचा शुष्क होना जैसे लक्षण दिखाई देते है तो Hypothyroidism के निदान हेतु डॉक्टर कि सलाह अनुसार Blood test ( Thyroid Profile ) करा लेना चाहिए।

महिलाओ में विशेष कर hair fall का प्रमुख कारण हाइपोथायरायडिज्म  ही है। अगर आप डैंड्रफ कि समस्या से परेशान है तो डॉक्टर से इसका इलाज करवाए। आप Dandruff से छुटकारा पाने के लिए अपने डॉक्टर कि सलाह अनुसार केटोकोनाज़ोले युक्त shampoo का उपयोग हफ्ते में दो बार कर सकते है।

Pregnancy के बाद देखा जाता है कि कई महिलाओ में अधिक Hair loss होता है। इसकी खास वजह है Iron, Calcium, Protein कि कमी। Pregnancy के दौरान, ब्रैस्ट फीडिंग करते समय और उसके 3 महीने बाद तक  Iron, Calcium, Protein प्रचुर मात्रा में लेना चाहिए। Typhoid के संक्रमण के बाद भी अधिक Hair loss होता है। इसमें भी संतुलित आहार और पोषण जरुरी है।

Hair growth के लिए हाई प्रोटीन डाइट लेना बेहद जरुरी है। भारतीय आहार में प्रोटीन कि मात्रा कम होती है। प्रचुर मात्रा में protein लेने के लिए सुबह नाश्ते में अंकुरित अन्न, मुंग, flax seeds, दूध, सोयाबीन लेना चाहिए। भारतीय खाने में दाल का समावेश हमेशा रहता है पर दाल को पतला बनाने कि जगह दाल गाढ़ी बनानी चाहिए। Snacks में fast food कि जगह पर भुने हुए मूंगफली या चना लेना चाहिए। रोटी बनाने के लिए गेहू के आटे में 1/4 हिस्सा सोयाबीन का आटा मिलाकर रोटी बनाना चाहिए।

जो व्यक्ति ऑटो इम्यून डिसऑर्डर से ग्रस्त होने कि वजह से Hair Fall से परेशान है उन्हें दिन में दो बार 1 चमच्च अश्वगंधा चूर्ण शहद के साथ लेना चाहिए।
 
अगर आपको Male Patterned Baldness कि समस्या है तो आप अपने डॉक्टर कि सलाह लेकर Minoxidil (1-10%) युक्त तेल का उपयोग कर सकते है। इसकी 1 ml मात्रा सुबह और रात में जहा बाल कम हो वह लगाए। ह्रदय और किडनी रोग के रोगी इसका इस्तेमाल न करे।  

कई दवा के कारण भी hair fall अधिक होता है जैसे कि दर्दनाशक या तनाव कम करने वाली दवा। अगर आपको कोई दवा लेने के बाद अधिक hair fall कि समस्या होती है तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी दे।

बार-बार बालों को धोने से बालों को नुकसान पहुंचता है। अधिकांश लोग अपने बालों को सुंदर व सेहतमंद दिखाने के लिए बार-बार और ज्यादा chemical वाले shampoo का उपयोग करते हैं बल्कि बालों को धोने के लिए आंवला व अरीठा पाउडर का यूज सबसे अच्छा रहता है। इसके अलावा अगर बालों को धोने के लिए कम केमिकलस वाले shampoo का यूज करें। बार-बार shampoo और conditioner न बदले। आपके बाल तैलीय हैं तो conditioner का इस्तेमाल न करें।

गीले बालो / Wet hair को कपडे से आराम से सुखाए। गीले बालो में कंगी न करे। गीले बाल नाजुक होते है और आसानी से टूट या गिर सकते है। कंगी करने के लिए मोटे दातो वाला कंगा इस्तेमाल करे। बाल सुखाने के बाद बालो कि अच्छे से मसाज करे।

नारियल तेल से मसाज करने से बालो कि जड़ो तक Blood circulation बढ़ता है और बाल बढ़ते और मजबूत होते है।

बालो पर अधिक गर्म पानी का उपयोग न करे। अधिक गर्म पानी से बाल शुष्क और नाजुक बन जाते है।स्नान करने के लिए ठन्डे या गुनगुना पानी का उपयोग करे।

कम से कम सप्ताह में एक दिन शंखपुष्पी से बना हुआ असली और शुद्ध चूर्ण थोड़े से पानी में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। इसके अलावा भृंगराज के चूर्ण में थोड़ा तिल मिलाकर खाएं। प्याज के रस बालो में लगाने से बालो का झड़ना कम होता है। इन आयुर्वेदिक उपचार से आपके बाल प्राकृतिक रूप से स्वस्थ एवं मजबूत बनेंगे।

आप बालो में शुद्ध अलोएवेरा gel से हफ्ते में दो बार मसाज भी कर सकते है। मसाज करने के बाद दो घंटे तक इसे ऐसे ही रहने दे और गुनगुने पानी से बालो को साफ़ कर दे। ऐसा करने से बालो कि growth बढती है और बाल मजबूत होते है।

शैम्पू करने से पहले बालों को ड्राय रखने से भी बाल झडऩे लगते हैं इसीलिए शैम्पू करने से पहले बालों में हल्के गर्म Olive oil या Coconut oil से मसाज करें। बालों की जड़ों में तेल की अच्छे से मसाज रात को सोने पहले ही कर लेना चाहिए। इससे न सिर्फ बालों की जड़े मजबूत होती है बल्कि बाल shine भी करने लगती है।

बार-बार बालो को अलग chemical लगाकर रंग बदलने का प्रयास न करे। हेयर स्ट्राइटनिंग करने से बचे। इनसे बालो को नुकसान पहुचता है।

ज्यादा समय तक कड़क धुप में रहने से बचे। धूल-मिटटी और बारिश के पानी से बालो का बचाव करे।

बालों का सीधा संबंध पेट से होता है। यदि पाचन तंत्र और हाजमा ठीक नहीं है तो बालों की जड़ें कमजोर होंगी लगातार कब्ज रहने से hair follicles कमजोर हो जाते है बाल टूटने व झडऩे लगते हैं। इसलिए अपने खान-पान और हाजमे को हमेशा ठीक रखें।

बालो के असमय झड़ने / Hair Loss के कारण जो युवा परेशान है वह Hair Transplant भी करा सकते है। Hair Transplant एक सरल और गंजेपन से छुटकारा पाने का permanent इलाज है।

चाय, कॉफी, पान-तंबाकू, मिर्च-मसाले आदि नशीले पदार्थों से दूर ही रहें।

नियमित व्यायाम करे। रोजाना व्यायाम करने से शरीर में रक्त प्रवाह ठीक से होता है और आप निरोगी रहते है।

Thursday, 14 January 2016

वजन घटाने के टिप्स और वजन चार्ट | Weight Loss Tips

 वजन चार्ट (Weight Chart): 

Weight चार्ट अपनी ऊंचाई के लिए आदर्श वजन निर्धारित करता है। आदर्श वजन अपने लिंग पर निर्भर करता है। आप अपनी उचाई के हिसाब से अपना उचित वजन  इस चार्ट में देख सकते है 

वजन घटाने के टिप्स :

1. खाने से पहले, पानी पीयें :
पानी पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है यह अक्सर दावा किया जाता है, और यह सच है।
पानी पीने से Metabolism(भोजन के पाचन से जो ऊर्जा शरीर को मिलती है )  1 से 1.30 घंटे  में 25  से  30% बढ़ता है  ।   
2. अधिक फाइबर खाओ :
मक्का, डालें , मटर, ब्राउन राइस, ब्राउन ब्रेड, फल आदि 
फाइबर अक्सर वजन घटाने के उद्देश्य के लिए जाता है । सबूत मिश्रित है, कुछ अध्ययनों से फाइबर (विशेष रूप से चिपचिपा फाइबर) तृप्ति बढ़ाने के लिए और आप लंबे समय में अपने वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है 

3. ज्यादा चलें, वाक करें : आप जितना ज्यादा चलेंगे आपकी कैलोरीज उतना ही अधिक बर्न  होंगी. लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करना, आस-पास पैदल जाना  आपके लिए मददगार साबित होगा.  आप दिन भर में एक-दो बार अपनी छत का चक्कर लगाने की कोशिश करें.

4. आपको भूख लगी हो स्वस्थ भोजन अपने पास रखे जंक फ़ूड से परहेज करें 

5. भोजन धीरे धीरे चबाएं 
मस्तिष्क को ये जाने में की आपने पर्याप्त मात्र में खा लिया थोड़ा  समय लग सकता है धीरे धीरे खाना उपयोगी होता है । कुछ अध्ययनों से अधिक धीरे चबाने में आप को कम कैलोरी खाने से मिलेगी और वजन घटाने के लिए जुड़ा हुआ हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है।

6. पीयें ग्रीन टी :
हरी चाय में कैफीन छोटी मात्रा में होता है, लेकिन यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरी हुई है जो की कैफीन के साथ काम करके  वसा जलने बढ़ाने के लिए उपयोगी मानी जाती है।

7. एरोबिक व्यायाम करो :
एरोबिक व्यायाम (कार्डियो) करना  कैलोरी को जलाता है  और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए एक शानदार तरीका है।

8. कम वसा (Low Fat) वाले दूध का प्रयोग करें

9. अधिक सब्जियां और फल खाएं :
सब्जियां और फल वजन घटाने के लिए प्रभावी है इनमें कई गुण होते हैं।
इनमें कम कैलोरी होती है, और अधिक फाइबर होता है । इनमें पानी अधिक होता है जो  कम ऊर्जा घनत्व देता है.

10. नींबू और शहद का सेवन करें :
रोज सुबह हल्के गुनगुने पानी के साथ नीबू और शहद का सेवन करें.ऐसा करने से आपका वज़न कम होगा. 

Saturday, 28 November 2015

आंखों का व्‍यायाम और आंखों के तनाव राहत | Exercise of the eyes and eye strain relief


आंखों का व्‍यायाम और आंखों के तनाव से राहत कैसे पाएं | Exercise of the eyes and eye strain relief

आँखों के प्रति लापरवाही, अंधेपन  का कारण बन सकता है ।  आँखें हैं तो संसार है। आज के आधुनिक युग में प्रदूषण, खान-पान, विटामिन 'ए' की कमी, टीवी, मोबाइल, फिल्म, इंटरनेट और कंप्यूटर आदि के अत्यधिक प्रचलन के कारण आँखों पर दबाव बढ़ गया है। इसी के चलते युवाओं में नेत्र रोग बढ़ता जा रहा है।

आंखों का व्‍यायाम 

बैठकर बिना गर्दन हिलाए आँखों की पुतलियों को ऊपर-नीचे, दाएँ से बाएँ, बाएँ से दाएँ फिर बाएँ नीचे, बाएँ ऊपर, दाएँ नीचे और ऊपर ऐसा 10-10 बार करें। इसके बाद पुतलियों को गोल-गोल क्लॉकवाइज और एंटी क्लॉकवाइज घुमाएँ। फिर आँखों को तेजी से अपलक झपकाने का अभ्यास करें।

इसके बाद पुट्‍ठों के बल बैठकर हाथों की हथेलियों को कटोरीनुमा बनाएँ तब हाथों की अँगुलियों को एक-दूसरे पर रखते हुए हथेलियों से आँखें इस तरह ढाँकें क‍ि हथेलियाँ और आँखों की पलकों के बीच सूतभर या आधा इंच का ही फासला रह जाए। इससे पामिंग करते हैं। फिर धीरे से हाथों की हथेलियों को हटाते हुए आँखें खोल दें। इसके बाद ठंडे-साफ पानी से आँखें धोएँ। चाहें तो ठंडे पानी की आँखों पर पट्टी रखें।

आंखों के तनाव से सावधानियाँ

1. आंखों में अगर दर्द महसूस हो रहा हो तो अपनी हथेलियों को आपस में रगड़े और जब वह गरम हो जाए तो उसे अपनी आंखों पर थोड़ी देर के लिए रख लें। 
इससे आपकी आंखों की मासपेशियों का तनाव कम होगा और हथेलियों की गर्माहट से आंखों का रक्त प्रवाह बढ़ेगा । 
2. आंखें में दर्द के लिए सन बाथ लें जिसमें सूक्ष्मय व्यायाम करें, अपनी आंखों को पूरी तरह से खोल कर दोनों पुतलियों को हर दिशा में घुमाएं और सूरज की रोशनी को आंखें में घुसने दें। 
यह आखों की नसों मे खून व ऑक्सीजन का प्रवाह बढाकर आखों की नेत्र ज्योंति बढाता है तथा द्रष्टि दोष दूर करता है।
3.सुबह सुबह उठकर आखों को ठंडे पानी या त्रिफला के पानी से आखें धोने पर आखों की उम्र वढती है । तथा आखों का धुधलापन, आखों में पानी आना या जल्दी से थकना हो जाना जैसी समस्या यें दूर होती है ।
4.आंखों में स्‍ट्रेस को दूर करने के लिए उन पर आलू और खीरे की स्‍लाइस का इस्‍तमाल करें। इससे आंखों की सूजन दूर होगी। 
5.अगर कंप्‍यूटर पर लगातार बैठना हो तो कोशिश करें की थोडी-थोडी देर पर स्‍क्रीन से नज़रे हटा लें। और जितनी दूर हो सके उतनी दूर एकदम सीधे देखें इससे आपकी आंखों का दर्द कम होगा। 
6.ऐसे भोजन करें जिनमें विटामिन ए पाए जाते हों, जैसे सेब, हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां, टमाटर, सोया, संतरा, पालक, मेथी, गाजर, चुकन्दर, आवला आदि का नियमि‍त सेवन करें इससे आपकी ऑखों को पोषण मिलेगा और आंखों के सभी रोग दूर होगें। 
7.कॉटन बॉल को बरफ के पानी में अच्‍छी तरह से भिगों लें और उन्‍हें अपनी पलकों पर आधे घंटे के लिए रख लें, इससे आंखों में हो रही जलन से छुटकारा तो मिलेगा ही और आंखों की लालिमां भी दूर होगी। 
अगर इन उपायों के अलावा भी आपको राहत नहीं मिल रही है तो आपको जल्‍द ही किसी नेत्र चिकित्सक से सलाह लेने की आवश्‍यकता है।