Saturday, 28 November 2015

आंखों का व्‍यायाम और आंखों के तनाव राहत | Exercise of the eyes and eye strain relief


आंखों का व्‍यायाम और आंखों के तनाव से राहत कैसे पाएं | Exercise of the eyes and eye strain relief

आँखों के प्रति लापरवाही, अंधेपन  का कारण बन सकता है ।  आँखें हैं तो संसार है। आज के आधुनिक युग में प्रदूषण, खान-पान, विटामिन 'ए' की कमी, टीवी, मोबाइल, फिल्म, इंटरनेट और कंप्यूटर आदि के अत्यधिक प्रचलन के कारण आँखों पर दबाव बढ़ गया है। इसी के चलते युवाओं में नेत्र रोग बढ़ता जा रहा है।

आंखों का व्‍यायाम 

बैठकर बिना गर्दन हिलाए आँखों की पुतलियों को ऊपर-नीचे, दाएँ से बाएँ, बाएँ से दाएँ फिर बाएँ नीचे, बाएँ ऊपर, दाएँ नीचे और ऊपर ऐसा 10-10 बार करें। इसके बाद पुतलियों को गोल-गोल क्लॉकवाइज और एंटी क्लॉकवाइज घुमाएँ। फिर आँखों को तेजी से अपलक झपकाने का अभ्यास करें।

इसके बाद पुट्‍ठों के बल बैठकर हाथों की हथेलियों को कटोरीनुमा बनाएँ तब हाथों की अँगुलियों को एक-दूसरे पर रखते हुए हथेलियों से आँखें इस तरह ढाँकें क‍ि हथेलियाँ और आँखों की पलकों के बीच सूतभर या आधा इंच का ही फासला रह जाए। इससे पामिंग करते हैं। फिर धीरे से हाथों की हथेलियों को हटाते हुए आँखें खोल दें। इसके बाद ठंडे-साफ पानी से आँखें धोएँ। चाहें तो ठंडे पानी की आँखों पर पट्टी रखें।

आंखों के तनाव से सावधानियाँ

1. आंखों में अगर दर्द महसूस हो रहा हो तो अपनी हथेलियों को आपस में रगड़े और जब वह गरम हो जाए तो उसे अपनी आंखों पर थोड़ी देर के लिए रख लें। 
इससे आपकी आंखों की मासपेशियों का तनाव कम होगा और हथेलियों की गर्माहट से आंखों का रक्त प्रवाह बढ़ेगा । 
2. आंखें में दर्द के लिए सन बाथ लें जिसमें सूक्ष्मय व्यायाम करें, अपनी आंखों को पूरी तरह से खोल कर दोनों पुतलियों को हर दिशा में घुमाएं और सूरज की रोशनी को आंखें में घुसने दें। 
यह आखों की नसों मे खून व ऑक्सीजन का प्रवाह बढाकर आखों की नेत्र ज्योंति बढाता है तथा द्रष्टि दोष दूर करता है।
3.सुबह सुबह उठकर आखों को ठंडे पानी या त्रिफला के पानी से आखें धोने पर आखों की उम्र वढती है । तथा आखों का धुधलापन, आखों में पानी आना या जल्दी से थकना हो जाना जैसी समस्या यें दूर होती है ।
4.आंखों में स्‍ट्रेस को दूर करने के लिए उन पर आलू और खीरे की स्‍लाइस का इस्‍तमाल करें। इससे आंखों की सूजन दूर होगी। 
5.अगर कंप्‍यूटर पर लगातार बैठना हो तो कोशिश करें की थोडी-थोडी देर पर स्‍क्रीन से नज़रे हटा लें। और जितनी दूर हो सके उतनी दूर एकदम सीधे देखें इससे आपकी आंखों का दर्द कम होगा। 
6.ऐसे भोजन करें जिनमें विटामिन ए पाए जाते हों, जैसे सेब, हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां, टमाटर, सोया, संतरा, पालक, मेथी, गाजर, चुकन्दर, आवला आदि का नियमि‍त सेवन करें इससे आपकी ऑखों को पोषण मिलेगा और आंखों के सभी रोग दूर होगें। 
7.कॉटन बॉल को बरफ के पानी में अच्‍छी तरह से भिगों लें और उन्‍हें अपनी पलकों पर आधे घंटे के लिए रख लें, इससे आंखों में हो रही जलन से छुटकारा तो मिलेगा ही और आंखों की लालिमां भी दूर होगी। 
अगर इन उपायों के अलावा भी आपको राहत नहीं मिल रही है तो आपको जल्‍द ही किसी नेत्र चिकित्सक से सलाह लेने की आवश्‍यकता है।

Sunday, 15 November 2015

ऑफ़लाइन गूगल मैप्स Google Maps offline feature

ऑफ़लाइन गूगल मैप्स (Google Maps offline feature)

गूगल का एंड्रॉयड मैप्स ऐप अब इंटरनेट कनेक्शन नहीं होने पर भी आपको रास्ता दिखा सकता है.
नया सॉफ्टवेयर, ऑफ़लाइन रहते हुए भी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, उनके खुलने के समय और टेलीफ़ोन नंबर खोजने में मदद करेगा.
कंपनी ने कहा है कि यह योजना उन पर्यटकों के लिए काफी फायदेमंद रहेगी जो अपने सब्सक्रिप्शन प्लान के बाहर के क्षेत्र में घूमने जाते हैं.
इसके अलावा यह उभरती हुई अर्थव्यवस्था में रह रहे लोगों के लिए भी मददगार होगी, जहां इंटरनेट महंगा है.
सस्ते फ़ोन वाले उपभोक्ताओं के लिए यह सॉफ्टवेयर बहुत फायदेमंद नहीं रहने वाला है. एंट्री लेवल एंड्रायड फ़ोन्स में केलव चार जीबी की स्टोरेज जगह होती है, जिससे फ़ोन में स्पेस की क़िल्लत हो जाएगी.
गूगल का कहना है कि ग्रेटर लंदन जितने बड़े इलाक़े की डाउनलोडिंग के लिए 380 एमबी स्पेस, जबकि सैन फ़्रांसिस्को बे जितने बड़े इलाक़े के लिए 200 एमबी स्पेस की ज़रूरत पड़ेगी.

ट्रेनों की बुकिंग की सुविधा अब ट्रेन के 30 मिनट रवाना होने से पहले | IRCTC Now allows book train tickets 30 minutes before departure

आप किसी ट्रेन के प्रस्थान करने के  30 मिनट से पहले आईआरसीटीसी के माध्यम से ऑनलाइन एक रेलवे टिकट बुक कर सकते हैं।



यात्री के अनुकूल कदम के तहत भारतीय रेलवे को अब दो बार चार्ट तैयार किया जाएगा।
जिससे की चार्ट तैयार करने की प्रणाली में परिवर्तन होगा |

सबसे पहले आरक्षण चार्ट एक ट्रेन के प्रस्थान से चार घंटे पहले और फिर ट्रेन के रवाना  होने से 30 मिनट पहले होगा ऐसा एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया ।

संशोधित नियमों के अनुसार,  पहली आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद  अब बुकिंग इंटरनेट पर और साथ ही आरक्षण काउंटर की जा सकेगी लेकिन ये सब  किसी एक विशेष ट्रेन  के बर्थ की उपलब्धता अधीन है ।

रेलवे ने चार्ट बनाने वाले विभाग को निर्देश दिया है कि 12 नवंबर से ट्रेन खुलने से चार घंटे पहले रिज़र्वेशन चार्ट बन जाना चाहिए। रेलवे का मानना है कि इसका फायदा सीधा पैसेंजर को होगा। वे समय रहते अपनी टिकट का स्टेटस भी जान जाएंगे और यात्रा को ज्यादा बेहतर तरीके से प्लान कर पाएंगे।

एक महत्वपूर्ण कदम है जो यात्रियों को आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद टिकट खरीदने की सुविधा उपलब्ध करता है ।

आरक्षण का एक दूसरा और अंतिम चार्ट ट्रेन के रवाना होने से पहले उपलब्ध कराया और  ट्रैन में उपस्थित टिकट चेकिंग स्टाफ को सौंप दिया जाएगा।

Saturday, 14 November 2015

स्मार्टफोन डाटा बैकअप विकल्प | Smartphone data back options

स्मार्टफोन डाटा बैकअप विकल्प (Smartphone data back options ) 

आज कल स्मार्टफोन बदलना बड़ा ही आम और बारम्बार हो गया है |
डाटा की ज़रूरत आपको हर समय होती है. और डाटा स्टोर करने की भी ज़रूरत कभी ख़त्म नहीं होती है.
अपने पुराने डाटा का आखिर आप क्या करें और उसे कैसे स्टोर कर सकते हैं? ऐसे कई विकल्प हैं जो डाटा स्टोर करने में मदद कर सकते हैं.
अलग-अलग तरह के ऐप के अलग-अलग फीचर हैं. अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर आप इन ऐप्स में से एक चुन सकते हैं, अपनी ज़रूरत के हिसाब से फीचर चुन कर.


'ऐप बैकअप एंड रिस्टोर' ('App Backup & Restore') :
URL : https://play.google.com/store/apps/details?id=mobi.infolife.appbackup
नाम का ऐप आपकी कुछ ज़रूरतों के लिए . ऐप डेटा बैकअप एसडी कार्ड  में लेता है और फिर एसडी कार्ड से वापस ऐप रिस्टोर करता है |

 'सुपर बैकअप' (''Super Backup') :
URL : https://play.google.com/store/apps/details?id=com.idea.backup.smscontacts
अगर आप अपने एसएमएस और कांटेक्ट का बैकअप लेना चाहते हैं और वो आपके लिए ज़रूरी हैं तो  आपके काम का हो सकता है.
इसकी मदद से आप सारी जानकारी को एपीके फाइल के रूप में सेव कर सकते हैं, फ़ोन की मेमोरी में रख सकते हैं, या माइक्रो SD कार्ड या फिर गूगल ड्राइव में भी सेव कर सकते हैं.

'ईज़ी बैकअप एंड रिस्टोर'('Easy Backup & Restore')
URL :  https://play.google.com/store/apps/details?id=com.mdroidapps.easybackup

अगर आप किसी ऐप को अनइंस्टॉल करके फिर से इनस्टॉल करना चाहते हैं तो ऐसे समय में ये आप काम की चीज़ हो सकती है. लेकिन ये जानना ज़रूरी है कि ये सिर्फ एपीके फाइल बनाकर रखता है. आपके डाटा का बैकअप इसके पास नहीं रहेगा.
स्मार्टफोन के डाटा को सेव करने के लिए आपको अलग-अलग विकल्प चाहिए जिसमें आप एक तरह के डाटा अलग जगह स्टोर कर सकें तो  आपके काम की चीज़ है.
एसडी कार्ड, ड्रॉपबॉक्स, गूगल ड्राइव, वनड्राइव, बॉक्स जैसे ऐप में अपने डाटा को आप कहीं भी स्टोर कर सकते हैं. अपने सभी तरह के डाटा- कॉल लॉग, एसएमएस, बुकमार्क,ऐप, कांटेक्ट- को आप इनमें से कहीं भी स्टोर कर सकते हैं.


जानियें कोहिनूर हीरे के बारें में | About Kohinoor Diamond


जानियें कोहिनूर हीरे के बारें में (About Kohinoor Diamond)

'कोहिनूर' का अर्थ है- रोशनी का पर्वत(Mountain of Light) | 105.6-कैरट 21.6 ग्राम का यह हीरा 
माना जाता है कि कोहिनूर हीरे को करीब 800 साल पहले दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित कोल्लूर खान से निकाला गया था | सबसे पहले यह उस समय शासन कर रहे काकातिया वंश के पास था जिसे उसने एक मंदिर में एक देवी की मूर्ति में आंख की जगह जड़वाया था | फिर तमाम आक्रमणकारियों और शासकों के हाथों से होता हुआ वह सिख शासकों तक पहुंचा |
रंजीत सिंह पंजाब का महाराजा  1839 में, अपनी मृत्यु शय्या पर उसने अपनी वसीयत में, कोहिनूर को पुरी, उड़ीसा प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ, मंदिर को दान देने को लिखा था। किन्तु उसके अंतिम शब्दों के बारे में विवाद उठा और  पूरे ना हो सके। 2 9 मार्च, 184 9 को लाहौर के किले पर ब्रिटिश ध्वज फहराया। इस तरह पंजाब, ब्रिटिश भारत का भाग घोषित हुआ। लाहौर संधि का एक महत्वपूर्ण अंग निम्न अनुसार था: "। कोह-इ-नूर नामक रत्न, जो शाह-शूजा-उल-मुल्क से महाराजा रण्जीत सिंह द्वारा लिया गया था, लाहौर के महाराजा द्वारा इंग्लैण्ड की महारानी को सौंपा जायेगा"


बाद में, डल्हौज़ी ने, 1851 में, महाराजा रण्जीत सिंह के उत्तराधिकारी दलीप सिंह द्वारा महारानी विक्टोरिया को भेंट किये जाने के प्रबंध किये। तेरह वर्षीय, दलीप ने इंग्लैंड की यात्रा की, व उन्हें भेंट किया।




कोहिनूर के बारे में कहानियां :
कोहिनूर के जन्म की प्रमाणित जानकारी नहीं है पर कोहिनूर का पहला उल्लेख 3000 वर्ष पहले मिला था। इसका संबंध
श्री कृष्ण भगवान के काल ​​से बताया जाता है। पुराणों के अनुसार स्वयंतक मणि ही बाद में कोहिनूर कहलायी। ये मणि सूर्य से कर्ण को फिर अर्जुन और युधिष्ठिर को मिली। फिर अशोक, हर्ष और चन्द्रगुप्त के हाथ यह मणि लगी। सन् 1306 में यह मणि सबसे पहले मालवा के महाराजा रामदेव के पास देखी गयी। मालवा के महाराजा को पराजित करके सुल्तान अलाउदीन खिलजी ने मणि पर कब्जा कर लिया। बाबर से पीढी दर पीढी यह बेमिसाल हीरा अंतिम मुगल बादशाह औरंगजेब को मिला। 'ज्वेल्स आफ बिट्रेन' का मानना ​​है कि सन् 1655 के आसपास कोहिनूर का जन्म हिन्दुस्तान के गोलकुण्डा जिले की कोहिनूर खान से हुआ। तब हीरे का वजन था 787 कैरेट। इसे बतौर तोहफा खान मालिकों ने शाहजहां को दिया। सन् 1739 तक हीरा शाहजहां के पास रहा। फिर इसे नादिर शाह के पास रहा। इसकी चकाचौधं चमक देखकर ही नादिर शाह ने इसे कोहिनूर नाम दिया। कोहिनूर को रखने वाले आखिरी हिन्दुस्तानी पंजाब का रणजीत सिंह था। सन् 1849 मे पंजाब की सत्ता हथियाने के बाद कोहिनूर अंग्रेजों के हाथ लग गया। फिर सन् 1850 में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने हीरा महारानी विक्टोरिया को भेंट किया। इंग्लैण्ड पंहुचते-पंहुचते कोहिनूर का वजन केवल 186 रह गया। महारानी विक्टोरिया के जौहरी प्रिंस एलवेट ने कोहिनूर की पुन: कटाई की और पॉलिश करवाई। सन् 1852 से आज तक कोहिनूर को वजन 105.6 ही रह गया है। 1911 में कोहिनूर महारानी मैरी के सरताज में जड़ा गया। और आज भी उसी ताज में है। इसे लंदन स्थित 'टावर आफ लंदन' संग्राहलय में प्रदर्शनी के लिये रखा गया है।

कोहिनूर और इसकी भारत वापसी :
ब्रिटेन ने कोहिनूर हीरा लौटाने की भारत की मांग को यह कह कर हर बार खारिज किया है कि स्थानीय कानून उसे ऐसा करने से रोकते हैं. ब्रिटेन में 1963 में बने ब्रिटिश म्यूजियम एक्ट के तहत राष्ट्रीय संग्रहालयों से वस्तुओं को हटाने की मनाही है. इस कानून में बदलाव किए बिना कोहिनूर लौटाने का रास्ता नहीं खुलेगा.

ब्रिटिश लॉ फर्म ने कोहिनूर को ब्रिटेन से वापस लेने की कानूनी कोशिश करने जा रहे इस समूह का नाम माउंटेन ऑफ लाइट ग्रुप बताया है. उनकी याचिका का आधार वह ब्रिटिश कानून है जिसमें संस्थानों को चुराई या लूटी गई कला को लौटाने का अधिकार मिला है.
 कोहिनूर को लौटाने का अभियान चलाने वाले इस समूह के सदस्यों में कई उद्योगपति, अभिनेता और भूमिका चावला जैसी अभिनेत्री शामिल है. इसके अलावा ब्रिटेन में भारतीय मूल के लेबर पार्टी के सांसद कीथ वाज ने भी प्रमुखता से इस मांग का समर्थन किया था. हाल ही में भारतीय सांसद शशि थरूर के इस मांग को फिर से उठाने के बाद से कोहिनूर फिर चर्चा में है.



Monday, 9 November 2015

एक नज़र भारत पे | Information about the great India

एक नज़र भारत पे :
(short Information about the great India )


राजधानी  : नई दिल्ली(28°36.8′N 77°12.5′E)

क्षेत्रफल : 3,287,590 वर्ग किलोमीटर (सातवां)  or  1,269,346 वर्ग मील

जनसंख्या : 2011 जनगणना 1,210,193,422 दूसरा

राजभाषा(एँ) :  1. हिन्दी  2. अँग्रेजी

राष्ट्र-गीत : वन्दे मातरम्

राष्ट्र-गान : जन गण मन

राष्ट्रीय पशु : बाघ

राष्ट्रीय पक्षी : मोर

राष्ट्रीय पुष्प : कमल

राष्ट्रीय नदी : गंगा

राष्ट्रीय वृक्ष : बरगद

राष्ट्रीय फल : आम

राष्ट्रीय खेल : हॉकी

राष्ट्रीय जलीय जीव : गंगा डालफिन

सरकार : संघीय संसदीय संवैधानिक गणराज्य

राष्ट्रपति : प्रणब मुखर्जी

उपराष्ट्रपति : मोहम्मद हामिद अंसारी

प्रधान मंत्री : नरेंद्र मोदी (भाजपा)

लोकसभा अध्यक्ष : सुमित्रा महाजन (भाजपा)

भारत के मुख्य न्यायाधीश : एच एल दत्तु

विधान मण्डल : भारतीय संसद

उच्च सदन : राज्यसभा

निम्न सदन : लोक सभा

स्वतन्त्रता यूनाइटेड किंगडम
अधिराज्य : 15 अगस्त 1947 
गणराज्य : 26 जनवरी 1950 

सकल घरेलू उत्पाद : 2014 प्राक्कलन कुल $ 5.302 महाशंख / (ट्रिलियन)

प्रति व्यक्ति : $ 4209

मुद्रा : भारतीय रुपया (INR)

समय मण्डल : भारतीय मानक समय(यू॰टी॰सी॰+5:30)

यातायात चालन दिशा : बाएं

दूरभाष कोड : +91

जन गण मन - राष्ट्रीय गान | India National anthem

जन गण मन - राष्ट्रीय गान


जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् है।

राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है, इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं जिसमें लगभग 20 सेकेण्ड का समय लगता है। संविधान सभा ने जन-गण-मन को भारत के राष्ट्रगान के रुप में 24 जनवरी 1 9 50 को अपनाया था। इसे सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1 से 9 11 कांग्रेस के को कलकत्ता अब दोनों भाषाओं में (बंगाली और हिन्दी) अधिवेशन में गाया गया था। 


जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।

राष्ट्रगान के बाद वाले पद


अहरह तव आह्वान प्रचारित, शुनि तव उदार बाणी
हिन्दु बौद्ध शिख जैन पारसिक मुसलमान खृष्टानी
पूरब पश्चिम आसे तव सिंहासन-पाशे
प्रेमहार हय गाँथा।
जनगण-ऐक्य-विधायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
पतन-अभ्युदय-वन्धुर पन्था, युग युग धावित यात्री।
हे चिरसारथि, तव रथचक्रे मुखरित पथ दिनरात्रि।
दारुण विप्लव-माझे तव शंखध्वनि बाजे
संकटदुःखत्राता।
जनगणपथपरिचायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
घोरतिमिरघन निविड़ निशीथे पीड़ित मूर्छित देशे
जाग्रत छिल तव अविचल मंगल नतनयने अनिमेषे।
दुःस्वप्ने आतंके रक्षा करिले अंके
स्नेहमयी तुमि माता।
जनगणदुःखत्रायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।
रात्रि प्रभातिल, उदिल रविच्छवि पूर्व-उदयगिरिभाले –
गाहे विहंगम, पुण्य समीरण नवजीवनरस ढाले।
तव करुणारुणरागे निद्रित भारत जागे
तव चरणे नत माथा।
जय जय जय हे जय राजेश्वर भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।

राष्ट्रीय गीत | National Song india| Rashtriya Geet

राष्ट्रीय गीत (National Song India) :

वन्‍दे मातरम गीत बंकिम चन्‍द्र चटर्जी द्वारा संस्‍कृत में रचा गया है; यह स्‍वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। इसका स्‍थान जन गण मन के बराबर है। इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था।


वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यशामलाम्
मातरम्।

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्

फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्।।  वन्दे मातरम्।

सप्तकोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले

द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम्।।
वन्दे मातरम्।

तुमि विद्या, तुमि धर्म

तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे।

त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी

कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम् मातरम्।। 
वन्दे मातरम्।

श्यामलाम् सरलाम्

सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं मातरम्।। 

वन्दे मातरम्।।

Sunday, 8 November 2015

भारत रत्न सम्मानित व्यक्तित्व | Bharat Ratna receieved personalities


भारत रत्न 
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 भारत के में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी।

भारत रत्न  सम्मानित व्यक्तित्व(Bharat Ratna receieved personality India)

क्रम
वर्ष
 नाम
 जीवन
1
1 9 54
   डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
 (5 सितंबर, 1888-17 अप्रैल, 9 75 1)

2
 1 9 54
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
(10 दिसम्बर, 1878-25 दिसम्बर, 9 72 1)

3
1 9 54
डॉक्टर चन्द्रशेखर वेंकटरमण
 (7 नवंबर, 1888-21 नवंबर, 9 70 1)

4
1 9 55
डॉक्टर भगवान दास
 (12 जनवरी, 186 9-18 सितंबर, 9 58 1)

5
 1 9 55
सर डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या
(15 सितंबर, 1860     12 अप्रैल, 1 9 62)

6
1 9 55
पं जवाहर लाल नेहरु
(27 मई, 1 9 64 से 14 नवंबर, 188 9)

7
1 9 57
गोविंद वल्लभ पंत
(10 सितंबर, 1887-7 मार्च, 9 61 1)

8
19 58
डॉ धोंडो केशव कर्वे
 (18 अप्रैल, 1858-9 नवंबर, 1 9 62)

9
19 61
डॉ बिधन चंद्र रॉय
 (1 जुलाई, 1882-1 जुलाई, 1 9 62)

10
1 9 61
पुरूषोत्तम दास टंडन
 (1 अगस्त, 1882-1 जुलाई, 9 62 1)

11
1 9 62
डॉ राजेंद्र प्रसाद
(3 दिसम्बर, 1884-28 फरवरी, 1 9 63)

12
19 63
डॉ जाकिर हुसैन 
(8 फरवरी, 18 9 7     3 मई, 1 9 6 9)

13
19 63
 डॉ पांडुरंग वामन काणे
(1880-19 72)

14
1 9 66
 लाल बहादुर शास्त्री

 (2 अक्टूबर, 1 सितम्बर 04-11 जनवरी, 1 9 66) मरणोपरान्त
15
1 9 71
इंदिरा गाँधी
 (1 9 नवंबर, 1 सितम्बर 17-31 अक्टूबर, 9 84 1)
16
1 9 75
 वराहगिरी वेंकट गिरी
 (10 अगस्त, 18 सितम्बर 04-23 जून, 9 80 1)
17
1 9 76
के कामराज
 (15 जुलाई, 1 9 मार्च   1 सितम्बर 75), मरणोपरान्त
18
 1 9 80  
मदर टेरेसा
(27 अगस्त, 1 सितम्बर 10-05 सितंबर, 1 99 7)
1 9 
1 9 83  
आचार्य विनोबा भावे
(11 सितंबर, 18 सितम्बर 05-15 नवंबर, 1 9 82), मरणोपरान्त
20
 1 9 87 
 खान अब्दुल गफ्फार खान
 (18 9 0-20 जनवरी, 1 9 88), पहले गैर-भारतीय
21
1 9 88  
एम जी आर
(17 जनवरी, 1 सितम्बर 17-24 दिसम्बर, 1 9 87), मरणोपरान्त
22
199 0
डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर
 (14 अप्रैल, 18 9 1     6 दिसम्बर, 1 9 56)  , मरणोपरान्त
23
 1 99 0  
नेल्सन मंडेला
 (18 जुलाई, 1 9 18), दूसरे गैर-भारतीय
24
  1 99 1 
 राजीव गांधी
(20 अगस्त, 1 9 44-21 मई, 1 99 1), मरणोपरान्त
25
  1 99 1
  सरदार वल्लभ भाई पटेल
(31 अक्टूबर, 1875-15 दिसम्बर, 1 9 50), मरणोपरान्त
26
 1 99 1  
मोरारजी देसाई
(2 9 फरवरी, 9 6 18   10 अप्रैल, 1 99 5)
27
 1 99 2 
 मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
(11 नवंबर, 1888-22 फरवरी, 1 9 58), मरणोपरान्त
28
 1 99 2 
 जे आर डी टाटा
(2 9 जुलाई, 1 9 अप्रैल   2 सितम्बर नवंबर, 1 99 3)
2 9
 1 99 2 
 सत्यजीत रे
(2 मई, 1 सितम्बर 21-23 अप्रैल, 1 99 2)
30
 1 99 7
  अब्दुल कलाम
 (15 अक्टूबर, 1 931-27 जुलाई, 2015) 
31
 1 99 7 
 गुलजारी लाल नंदा
(4 जुलाई, 18 सितम्बर 08-15 जनवरी, 1 99 8)
32
 1 99 7  
अरुणा असाफ़ अली
(16 जुलाई, 1 9 0 सितम्बर 09-02 जुलाई, 1 99 6), मरणोपरान्त
33
 1 99 8 
 एम एस सुब्बुलक्ष्मी
(16 सितंबर, 1 सितम्बर 16-11 दिसम्बर, 2004)
34
  1 99 8 
 सी सुब्रामनीयम
(30 जनवरी, 1 सितम्बर 10-07 नवंबर, 2000)
35
1 99 8  
जयप्रकाश नारायण
 (11 अक्टूबर, 1 सितम्बर 02-08 अक्टूबर, 1 9 7 9), मरणोपरान्त
36
 1 999 
 पं  रवि शंकर
 (7 अप्रैल, 920-12 दिसम्बर, 2012)
37
 1 999  
अमृत्य सेन
(3 नवंबर, 1983)
38
  1 999
   गोपीनाथ बोरदोलोई
(18 90-19 50), मरणोपरान्त
3 9 
2001
  लता मंगेशकर
(28 सितंबर, 1 9 2 9)
40
2001
   उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां
 (21 मार्च, 1 सितम्बर 16-21 अगस्त, 2006)
41
2008
  पं.भीमसेन जोशी
 (4 फरवरी, 1 9 22  25 जनवरी, 2011)
42
2013
सी  एन  आर  राव
(30 जून, 1 934- अब तक), 16 नवंबर, 2013 को घोषित
43
2013
 सचिन तेंदुलकर
(24 अप्रैल, 1 973- अब तक), 16 नवंबर, 2013 को घोषित
44
2014
अटल बिहारी वाजपेयी
 (25 दिसंबर, 1 924- अब तक), 25 दिसंबर, 2014 को घोषित
45
2014
मदन मोहन मालवीय
 (25 दिसंबर, 1861- 12 नवंबर, 1 9 46, मरणोपरांत, 25 दिसंबर, 2014 को घोषित